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CRYPTO NEWS 09 July 2025
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Navbharat Times 09 July 2025
नई क्रिप्टोकरेंसी ने किया बेड़ा गर्क!
5 साल में 36 लाख से ज्यादा क्रिप्टो टोकन हुए डेड, निवेशकों के अरबों डूबे
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट इस समय काफी तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि इसमें लालच के चक्कर में पैसा गंवाने वालों की भी संख्या कम नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार जितना तेजी से चढ़ता है, वह उससे कहीं ज्यादा तेजी से गिरता भी है। यह मार्केट किसी को रातों रात करोड़पति बना दे और किसी को कंगाल कर दे, कुछ कहा नहीं जा सकता। यह मार्केट इस समय जितनी तेजी से बढ़ रहा है, कई टोकन भी उतनी ही रफ्तार से फेल हो रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 से अब तक लॉन्च हुए 36 लाख से ज्यादा क्रिप्टो टोकन 'डेड' यानी बेकार हो चुके हैं। यह कुल टोकन का 52% है।
चिंता की बात यह है कि इनमें से लगभग आधे टोकन साल 2025 में ही फेल हुए हैं। इससे पता चलता है कि डिजिटल एसेट में कितना जोखिम है।
हर दिन 5300 से ज्यादा टोकन लॉन्च हो रहे हैं। लेकिन इनमें से कई प्रोजेक्ट में कोई दम नहीं है। वे टिक नहीं पाते। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024 में मीम कॉइन और स्कैम टोकन की वजह से निवेशकों को 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
वित्त वर्ष 2016-2017 और 2020-2022 में क्रिप्टो बाजार में तेजी आई थी। तब छोटे निवेशक जल्दी पैसा कमाने के लिए ऑल्टकॉइन में निवेश कर रहे थे। लेकिन अब बाजार बदल गया है। साल 2024 से सरकारें और बड़ी कंपनियां भी क्रिप्टो में आ रही हैं।
अमेरिका, चीन और भूटान जैसे देश अपने रिजर्व में बिटकॉइन रख रहे हैं। ब्लैक रॉक जैसी कंपनी ने बिटकॉइन और इथेरियम ईटीएफ में 80 अरब डॉलर लगाए हैं। इससे पता चलता है कि बड़ी कंपनियां अब क्रिप्टो को अपना रही हैं।
भारत में क्या स्थिति ?
भारत पिछले तीन सालों में दो बार क्रिप्टो को अपनाने में नंबर 1 रहा है। हालांकि, ज्यादा टैक्स की वजह से छोटे निवेशक अभी भी थोड़ा हिचकिचा रहे हैं। 1 फाइनेंस की रिपोर्ट बताती है कि क्रिप्टो अब एक ज्यादा समझदार बाजार बन रहा है। जैसे-जैसे लोग इसे अपना रहे हैं, विश्वसनीयता, जवाबदेही और रिसर्च पर आधारित फैसलों की मांग बढ़ रही है।
गूगल-मेटा से आगे निकला बिटकॉइन
फाइनेंस के सीनियर क्वांटिटेटिव रिसर्च एनालिस्ट पुरवांग मशरू ने कहा कि क्रिप्टो बाजार में हर दिन नए सिक्के आ रहे हैं, जिससे यह थोड़ा मुश्किल लग सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टो बाजार का मार्केट कैप 3 लाख डॉलर डॉलर से ज्यादा हो गया है। बिटकॉइन की कीमत गूगल और मेटा जैसी कंपनियों से भी ज्यादा हो गई है। लेकिन इसमें अभी भी उतार-चढ़ाव का खतरा है।
निवेशकों को अच्छी शिक्षा और फंडामेंटल एनालिसिस पर ध्यान देना चाहिए। इससे उन्हें बेहतर फैसले लेने में मदद मिलेगी।
टोकन बहुत तेजी से लॉन्च हो रहे हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि कौन सा प्रोजेक्ट अच्छा है और कौन सा सिर्फ हवा-हवाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समझदार निवेशक अब ऑन-चेन मेट्रिक्स देख रहे हैं। जैसे कि वॉलेट एक्टिविटी, प्रोटोकॉल रेवेन्यू, डेवलपर का योगदान और गवर्नेंस ट्रांसपेरेंसी। इससे उन्हें प्रोजेक्ट की असली ताकत का पता चलता है।
जैसे स्टॉक निवेशक कैश फ्लो और प्रॉफिटेबिलिटी देखते हैं, वैसे ही क्रिप्टो निवेशकों को यह समझना चाहिए कि वे किस चीज में निवेश कर रहे हैं और उसकी वैल्यू क्या है।
हवा-हवाई टोकन भले ही चर्चा में रहें, लेकिन जो प्रोजेक्ट मजबूत होंगे, जिनका असली इस्तेमाल होगा और जिन्हें बड़ी कंपनियों का समर्थन मिलेगा, वे ही लंबे समय तक टिकेंगे।
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