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क्रिप्टो (क्रिप्टो करंसी) से करते हैं कमाई तो कितना देना होगा टैक्स, समझ लें ये गणित

• क्रिप्टोकरेंसी का चलन तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन, एथेरियम, लाइटकॉइन, डॉजकॉइन आदि, डिजिटल करेंसी हैं. 

• इसमें लोगों ने भारी मात्रा में इन्वेस्ट करना शुरु कर दिया है. 

• भारत में अगर आप क्रिप्टोकरेंसी को बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं तो उसपर आपको टैक्स देना पड़ता है.

• सरकार ने इन्हें “वर्चुअल डिजिटल एसेट्स” (VDA) के रूप में वर्गीकृत किया है. 

• भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर टैक्स लगता है. साल 2022 के बजट में सरकार ने इसे स्पष्ट किया है. सरकार ने VDA पर 30% टैक्स लगाने की घोषणा की थी.

टैक्स का गणित

अगर आप क्रिप्टोकरेंसी बेचकर लाभ कमाते हैं, तो उस पर 30% टैक्स लगेगा. 

इसके अलावा, 1% TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) भी 1 जुलाई 2022 से लागू हो गया है. 

यह क्रिप्टो के लेन-देन पर कटेगा. 

अगर आप एक वित्तीय वर्ष में ₹50,000 से अधिक के लेनदेन करते हैं, तो इस पर TDS कटेगा. 

जब आप क्रिप्टोकरेंसी बेचते हैं और आपको प्रॉफिट होता हैं, तो उस पर 30% टैक्स लगेगा. 

उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने ₹1,00,000 में क्रिप्टो खरीदी और ₹1,50,000 में बेची तो ₹50,000 का लाभ हुआ. इस पर आपको 30% टैक्स (₹15,000) लगेगा.

माइनिंग और एयरड्रॉप्स पर टैक्स

जब आप किसी को क्रिप्टो बेचते हैं, तो उस पर 1% TDS कटेगा. 

एयरड्रॉप्स में मुफ्त में क्रिप्टो मिलती है. 

अगर एयरड्रॉप से आपको क्रिप्टो मिलती है और वह एक्सचेंज पर ट्रेड होती है तो उसे 30% टैक्स लगेगा. 

क्रिप्टो माइनिंग से जो इनकम होती है, उसे भी 30% टैक्स के दायरे में रखा गया है. 

माइनिंग से प्राप्त क्रिप्टो की कीमत पर टैक्स लगेगा, लेकिन इसमें कोई भी खर्च कटौती के रूप में नहीं माना जाएगा. 

क्रिप्टो स्टेकिंग या फॉर्जिंग से जो आय होती है, उस पर भी 30% टैक्स लगता है.

गिफ्ट में मिले क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स

जब आप स्टेकिंग से कमाए गए लाभ को बेचेगे, तो उस पर भी 30% टैक्स लगेगा. 

यदि आपको क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट के रूप में मिलती है, तो यदि उसका मूल्य ₹50,000 से अधिक है, तो वह आपकी आय मानी जाएगी. 

अगर यह गिफ्ट किसी रिश्तेदार से आती है, तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा. 

क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली सभी आय, चाहे वह ट्रेडिंग हो, माइनिंग हो, एयरड्रॉप्स हो या गिफ्ट हो, उन पर टैक्स नियम लागू होते हैं. 

इसके अलावा, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में इसे “वर्चुअल डिजिटल एसेट्स” (VDA) के तहत रिपोर्ट करना होगा. •••••